जापान में 'Flesh-Eating Bacteria' (STSS) तेजी से फैल रहा है, जो ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस (GAS) बैक्टीरिया के कारण होता है। 

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Flesh Eating Bacteria:

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फेक्शियस डिजीज के अनुसार, 2 जून 2024 तक जापान में STSS के 977 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल के 941 मामलों से अधिक हैं।

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STSS के लक्षणों में हाथ-पैरों में दर्द, सूजन, गले में खराश, बुखार, लो ब्लड प्रेशर, नेक्रोसिस, सांस लेने में तकलीफ, अंगों का फेल होना और 48 घंटों के भीतर मृत्यु शामिल हैं।

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50 वर्ष से अधिक आयु के लोग, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है, इस बीमारी से अधिक प्रभावित हो सकते हैं और उनके लिए यह संक्रमण विशेष रूप से घातक हो सकता है।

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STSS से बचाव के लिए व्यक्तिगत हाइजीन का पालन करना बेहद जरूरी है। बाहर से आने, शौच के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से कम से कम दो मिनट तक धोना चाहिए।

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गंदे हाथों से चेहरे, खासकर आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें। त्वचा पर किसी भी प्रकार का घाव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज करवाएं।

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STSS के कोई भी लक्षण नजर आने पर बिना देर किए तुरंत चिकित्सा सहायता लें। सही समय पर इलाज से इस बीमारी के घातक प्रभावों को रोका जा सकता है।

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जापान में कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील देने के बाद STSS के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इससे पता चलता है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन कितना महत्वपूर्ण है।

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अन्य देशों में भी इस बीमारी के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जो वैश्विक चिंता का विषय है।

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यह बीमारी इतनी घातक है कि संक्रमित व्यक्ति की 48 घंटों के भीतर मौत हो सकती है। इस बीमारी के तेजी से फैलने और उच्च मृत्यु दर के कारण इसे गंभीरता से लेना आवश्यक है।

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