Rajasthan Methane Emissions पर ISRO की रिपोर्ट: गंभीर चिंता का विषय

Rajasthan Methane Emissions

राजस्थान के कई क्षेत्रों में मीथेन गैस के अत्यधिक उत्सर्जन (Rajasthan Methane Emissions) की समस्या भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के हालिया अध्ययन में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, बाड़मेर, जैसलमेर, तारानगर और चिड़ावा के कचरे के ढेर से अत्यधिक मीथेन उत्सर्जन हो रहा है। इन क्षेत्रों की लैंडफिल साइट्स देश के शीर्ष 22 मीथेन हॉटस्पॉट्स में शामिल हैं। विशेष रूप से, बाड़मेर चौथे, जैसलमेर छठे, तारानगर आठवें और चिड़ावा ग्यारहवें स्थान पर हैं।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

ISRO की रिपोर्ट में पाया गया कि बाड़मेर के ओ एंड जी एबीएच फेसिलिटी, बंदा तलवार साइट से प्रति घंटे 1476 किलोग्राम मीथेन उत्सर्जित होती है। इसी प्रकार, जैसलमेर के ओ एंड जी, जीजीएस से 932 किलोग्राम/घंटा, तारानगर के एसडब्ल्यू भूतिया से 589 किलोग्राम/घंटा और चिड़ावा के एसडब्ल्यू डंप से 589 किलोग्राम/घंटा मीथेन उत्सर्जित हो रही है।

कचरे का सही निस्तारण नहीं होना मुख्य कारण

शोधकर्ताओं ने ठोस अपशिष्ट लैंडफिल साइटों, डंपिंग यार्ड, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वेटलैंड्स, तेल और गैस क्षेत्रों, तेल रिफाइनरियों और कपड़ा उद्योगों से निकलने वाले मीथेन प्लम की पहचान की है। मीथेन गैस के बढ़ने का मुख्य कारण कचरे का सही से निस्तारण नहीं होना माना गया है। मीथेन गैस ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देती है, जिससे तापमान में वृद्धि होती है।

सरकारी टीमें करेंगी अध्ययन

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि ISRO की रिपोर्ट के बाद विभिन्न सरकारी विभागों की टीमें इन स्थानों पर जाकर अध्ययन करेंगी और समस्या का समाधान ढूंढेंगी। झुंझुनू के चिड़ावा क्षेत्र में मीथेन गैस का अत्यधिक उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग के लिए एक गंभीर खतरा है, क्योंकि इसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता कार्बन डाइऑक्साइड से 28 गुना अधिक है।

आवश्यक कार्रवाई

राजस्थान के चार शहरों में मीथेन हॉटस्पॉट की पहचान करने के बाद, संबंधित नगर पालिकाओं के अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों का उद्देश्य संबंधित स्थानों की जानकारी एकत्रित करना और आगामी अध्ययन के लिए आधार तैयार करना है। इस प्रकार के अध्ययन और सुधारात्मक कदम उठाकर, राज्य सरकार इस गंभीर पर्यावरणीय समस्या का समाधान करने की दिशा में कार्यरत है।

पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान

मीथेन उत्सर्जन (Rajasthan Methane Emissions) के इस महत्वपूर्ण मुद्दे के समाधान के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों की टीमें गठित की हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मीथेन गैस के स्रोतों का गहन अध्ययन करेंगी। इन टीमों का उद्देश्य न केवल मीथेन उत्सर्जन को नियंत्रित करना है, बल्कि कचरे के सही निस्तारण के लिए भी ठोस कदम उठाना है।

निष्कर्ष

राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, तारानगर और चिड़ावा में मीथेन गैस उत्सर्जन की समस्या गंभीर है और इससे निपटने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाना आवश्यक है। इसरो की रिपोर्ट ने इस समस्या को उजागर किया है, जिससे राज्य सरकार और संबंधित विभागों को इस दिशा में काम करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिला है। राज्य सरकार की त्वरित कार्रवाई और विभिन्न विभागों की सहभागिता से इस पर्यावरणीय संकट का समाधान संभव है।

और खबरें पढ़ें!

Follow Us On Social Media

Categories