पृष्ठभूमि:
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद जांच के दायरे में हैं। ईडी का आरोप है कि AAP को दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) से संबंधित अवैध गतिविधियों से धन प्राप्त हुआ। इनमें से कुछ फंड का इस्तेमाल कथित तौर पर 2022 में गोवा में AAP के चुनावी अभियान में किया गया था। केजरीवाल के वकील ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी से आगामी लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी की भागीदारी में बाधा आ सकती है।
अदालत की कार्यवाही:
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने 3 अप्रैल को लंबी बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायाधीश कानून से बंधे हैं, राजनीति से नहीं। निर्णय कानूनी सिद्धांतों पर आधारित होते हैं, राजनीतिक विचारों पर नहीं। अदालत को राजनीतिक मामलों में नहीं घसीटा जा सकता। अदालत ने ट्रायल कोर्ट के बाद रिमांड आदेश को भी बरकरार रखा, जिसमें अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने वाला आदेश भी शामिल था।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के संबंध में अदालत ने कहा कि “अदालत की राय है कि आरोपी को चुनाव की तारीखों के आधार पर नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार गिरफ्तार किया गया और रिमांड पर लिया गया।” अदालत ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मुख्यमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पूछताछ की जा सकती थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि जांच कैसे की जानी चाहिए यह निर्धारित करना आरोपी का विशेषाधिकार नहीं है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सहित किसी को भी विशेष अधिकार नहीं है।
केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 21 मार्च को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021 से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
इसके बाद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को हाई कोर्ट (Delhi High Court) में चुनौती दी। अपनी याचिका में उन्होंने तर्क दिया कि केंद्र सरकार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले असमान खेल का मैदान बनाने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का दुरुपयोग कर रही है। उनके अनुसार, वित्त मंत्रालय द्वारा नियंत्रित ईडी, चुनावी प्रक्रिया को सत्तारूढ़ दल (भारतीय जनता पार्टी) के पक्ष में झुकाने का प्रयास कर रहा है।
#AajKiBaat | दिल्ली हाई कोर्ट से झटका..अब क्या करेंगे केजरीवाल?
केजरीवाल ने केस को सियासी बनाने की कोशिश की?#ElectionWithIndiaTV #ArvindKejriwal #ED #HighCourt #AAP #DelhiLiqourScam pic.twitter.com/SS05dMqDuK
— India TV (@indiatvnews) April 9, 2024
#WATCH | Delhi: After Delhi High Court dismisses CM Arvind Kejriwal’s plea challenging his arrest, Rajya Sabha MP and BJP spokesperson Sudhanshu Trivedi says, “…The court has clarified that the plea was not for bail but again against the arrest. The arrogance (of Arvind… pic.twitter.com/GZbS7qTGe2
— ANI (@ANI) April 9, 2024
कानूनी तर्क:
- केजरीवाल की भूमिका:
- ईडी का आरोप है कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने साजिश रची और उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने में शामिल थे।
- अपराध की आय का कथित तौर पर AAP के चुनावी अभियान में इस्तेमाल किया गया था।
- कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं:
- अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री सहित किसी के लिए कोई विशिष्ट विशेषाधिकार मौजूद नहीं है। कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।
- जिरह:
- केजरीवाल को कानूनी कार्यवाही के दौरान गवाहों से जिरह करने का अधिकार होगा।
#WATCH | After Delhi HC dismisses CM Kejriwal’s plea challenging his arrest by ED in the Excise Policy money laundering case, Delhi minister & AAP leader Saurabh Bharadwaj says, “…It is very normal for the High Court to overturn the decisions of the District Court and for the… pic.twitter.com/dq5YsjFMu1
— ANI (@ANI) April 9, 2024
#WATCH | On Delhi HC dismisses CM Kejriwal’s plea challenging his arrest by ED in Excise Policy money laundering case, AAP MP Sanjay Singh, says “…The lawyers of Arvind Kejriwal are engaged in inspecting all the documents and the court is constantly watching this matter. I have… pic.twitter.com/Q0pAyGVsdd
— ANI (@ANI) April 9, 2024
चल रही लड़ाई:
कथित शराब नीति अनियमितताओं को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई के बीच अदालत का फैसला आया है। तिहाड़ जेल में रहने के बावजूद केजरीवाल दिल्ली सरकार चला रहे हैं। मामला सामने आने पर उसका भाग्य अनिश्चित बना हुआ है।
और खबरें पढ़ें!