फ़ूड ब्लॉगर अमनप्रीत सिंह द्वारा पोस्ट किए जाने के बाद एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें बताया गया कि चंडीगढ़ के बब्लू वैष्णो ढाबा में परांठे पकाने के लिए डीजल का इस्तेमाल किया जाता है।
वायरल सनसनी:
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इस दावे ने व्यापक चिंता पैदा कर दी और फ़ूड सेफ्टी और स्वच्छता के बारे में चिंताएँ बढ़ा दीं।
पब्लिक अलार्म:
Image source: oyefoodiesingh- Instagram
ढाबा मालिक चन्नी सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि वीडियो मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था।
मालिक का इनकार:
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अमनप्रीत सिंह ने अपना दावा वापस ले लिया और माफी मांगते हुए स्पष्ट किया कि वीडियो का उद्देश्य हास्यप्रद था।
ब्लॉगर की माफ़ी:
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इस घटना ने भारतीय स्ट्रीट फूड के सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
फ़ूड सेफ्टी पर सवाल:
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फ़ूड सेफ्टी अधिकारियों ने अभी तक घटना के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
आधिकारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा:
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इस विवाद ने जनता की राय पर सोशल मीडिया के शक्तिशाली प्रभाव को उजागर किया।
सोशल मीडिया का प्रभाव:
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स्पष्टीकरण के बावजूद, बब्लू वैष्णो ढाबा को सार्वजनिक जांच का सामना करना पड़ा।
ढाबे की जांच:
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चन्नी सिंह ने ग्राहकों को ढाबे की स्वच्छता और खाद्य तेल के उपयोग के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में आश्वस्त किया।
स्वच्छता का आश्वासन:
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यह घटना सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जिम्मेदारी से कॉन्टेंट बनाने और शेयर करने के महत्व पर जोर देती है।
जिम्मेदार शेयरिंग का आह्वान:
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