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University of Copenhagen के Globe Institute के शोधकर्ताओं ने उन प्रजातियों की पहचान की है जो प्राकृतिक खतरों के कारण extinction के उच्च जोखिम में हैं।
Climate change के कारण तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ रही है, जो संवेदनशील प्रजातियों के लिए खतरा है।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि 3,722 सरीसृप (reptile), उभयचर (amphibian), पक्षी और स्तनधारी प्रजातियाँ भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी विस्फोट और तूफानों के कारण जोखिम में हैं।
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इन प्रजातियों में से आधी 'उच्च जोखिम' की श्रेणी में आती हैं, और अधिकांश ट्रॉपिकल क्षेत्रों और द्वीपों पर पाई जाती हैं।
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शोधकर्ताओं ने कैप्टिव ब्रीडिंग कार्यक्रम और प्रजातियों का स्थानांतरण जैसी संरक्षण रणनीतियों की सिफारिश की है।
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Puerto Rico का स्थानिक तोता, जो मानव गतिविधि और तूफानों के कारण संकटग्रस्त है, कैप्टिव ब्रीडिंग और रिवाइवल प्रयासों के माध्यम से संरक्षित किया जा रहा है।
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अध्ययन का उद्देश्य केवल जोखिम में प्रजातियों की सूची बनाना नहीं है, बल्कि Ecosystem पर व्यापक प्रभावों को समझने के लिए आगे के अध्ययन को प्रेरित करना है।
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प्राकृतिक खतरों के कारण प्रजातियों का नुकसान Ecosystem की महत्वपूर्ण क्रियाओं, जैसे पोलिनेशन और बीज वितरण, पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
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शोधकर्ता चेतावनी देते हैं कि इन प्रजातियों की विलुप्ति से ecological functions में कमी आ सकती है और ecosystems का संतुलन बिगड़ सकता है।
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Fernando Gonsalves ने कहा कि हम सिर्फ एक प्रजाति को नहीं खो रहे हैं, बल्कि उन अनेक ecological functions को भी खो रहे हैं जो ये प्रजातियाँ प्रदान करती हैं।
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